गठिया की बीमारी के चलते वो कई कई रातों तक बिस्तर पर दर्द से परेशान रहते थे
ब हम बाबासाहेब आंबेडकर की ज़िंदगी के आख़िरी कुछ घंटों के बारे में बात करते हैं
तो पता चलता है कि उनकी सेहत किस क़दर बिगड़ी हुई थी.
बाबासाहेब ने 6 दिसंबर 1956 को सुबह के वक़्त सोते हुए आख़िरी सांस ली थी
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डॉ आंबेडकर ने संविधान बनाने के लिए सात सदस्यों की एक प्रारूप समिति बनाई, जिसने 395 प्रावधानों वाले इसके मसौदे को तैयार किया
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14 अक्टूबर 1956 को, उन्होंने नागपुर में एक ऐतिहासिक समारोह में बौद्ध धर्म अपना लिया और
गठिया की बीमारी के चलते वो कई कई रातों तक बिस्तर पर दर्द से परेशान रहते थे